विनायक चतुर्थी एक हिंदू त्योहार है जो ज्ञान के देवता और बाधाओं को दूर करने वाले भगवान गणेश के जन्म का जश्न मनाता है। यह त्योहार भाद्रपद के महीने में बढ़ते चंद्रमा के चौथे दिन मनाया जाता है, जो अगस्त या सितंबर में पड़ता है।
विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से सूर्यास्त तक है। पूजा करने का सबसे अच्छा समय सुबह के शुरुआती घंटों के दौरान होता है, जब सूरज उग रहा होता है।
विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने के चरण निम्नलिखित हैं: Pooja Vidhi
- पूजा स्थान को साफ करें: पूजा स्थान को साफ करके फूलों, फलों और रंगोली से सजाया जाना चाहिए।
- गणेश की मूर्ति की स्थापना करें: गणेश की मूर्ति को पूजा स्थान में स्थापित करना चाहिए।
- प्रार्थना अर्पित करें: भगवान गणेश से ज्ञान, समृद्धि और सफलता के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हुए प्रार्थना की जानी चाहिए।
- अभिषेक करें: अभिषेक मूर्ति को जल, दूध, शहद और घी से स्नान कराने की प्रथा है।
- नैवेद्य चढ़ाएं: नैवेद्य देवता को भोग लगाना है। गणेश के लिए पारंपरिक नैवेद्य मोदक है, जो चावल और नारियल से बनी मिठाई है।
- मंत्र जाप करें: भगवान गणेश को मंत्रों का जाप करना चाहिए। गणेश के लिए सबसे लोकप्रिय मंत्र गणेश गायत्री मंत्र है।
- आरती करें: आरती देवता के सामने दीपक लहराने की रस्म है।
- प्रसाद लें: प्रसाद वह भोजन है जो देवता को चढ़ाया जाता है और फिर भक्तों को वितरित किया जाता है।
विनायक चतुर्थी उत्सव और उत्सव का दिन है। लोग भगवान गणेश की पूजा करने के लिए इकट्ठा होते हैं, स्वादिष्ट भोजन करते हैं और एक-दूसरे की कंपनी का आनंद लेते हैं। यह त्योहार सुखी और समृद्ध जीवन के लिए भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने का समय है।
Vinayaka Chaturthi Muharat 2023
21 जून को दोपहर 03 बजकर 09 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन संध्याकाल 05 बजकर 27 मिनट पर समाप्त