भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष (FY24) में भारत की GDP वृद्धि 6.5-6.7% की सीमा में रहने का अनुमान लगाया। उद्योग निकाय ने कहा कि विकास निजी खपत, निवेश और निर्यात में मजबूत सुधार जैसे कारकों से संचालित होगा।
CII का अनुमान FY24 के लिए सरकार के 6.4% की वृद्धि के लक्ष्य से अधिक है। सरकार ने 9.2% के पहले के अनुमान से FY23 के लिए अपने विकास पूर्वानुमान को भी संशोधित कर 8.7% कर दिया है।
CII ने कहा कि विकास की गति FY24 में जारी रहने की उम्मीद है, जो कई कारकों द्वारा समर्थित है। इसमे शामिल है:
- निजी खपत में एक मजबूत रिकवरी, जिसके FY24 में 7.5% बढ़ने की उम्मीद है।
- वित्त वर्ष 2024 में सकल निश्चित पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) में 10% की वृद्धि के साथ एक निवेश-आधारित रिकवरी।
- वित्त वर्ष 24 में निर्यात में 12% की वृद्धि के साथ निर्यात आधारित रिकवरी।
सीआईआई ने यह भी कहा कि सरकार की नीतियां, जैसे उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेगी। पीएलआई योजना विनिर्माण क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए एक सरकारी पहल है।
सीआईआई ने कहा कि सरकार को ऐसे सुधारों पर ध्यान देना चाहिए जिससे कारोबार सुगमता में सुधार हो और निवेश को बढ़ावा मिले। उद्योग निकाय ने यह भी कहा कि सरकार को बुनियादी ढांचे के विकास और शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान देना चाहिए।
CII का प्रोजेक्शन कई अर्थशास्त्रियों की उम्मीदों के अनुरूप है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के एक हालिया सर्वेक्षण से पता चला है कि अधिकांश अर्थशास्त्रियों को वित्त वर्ष 24 में भारत की GDP वृद्धि 6.5-7.0% की सीमा में रहने की उम्मीद है।